Add To collaction

नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 बृद्धाश्रम( भाग 13)

              "दादी आप यहाँ क्या कर रही हो? आप यहाँ कब आई हो। मम्मी तो कह रही थी कि आप तीर्थ यात्रा पर गयी हो। जब आप तीरथ यात्रा पर गयी थी तो यहाँ कैसे आई ?  अनन्या अपनी दादी से ऐसे अनेक  प्रश्न पूछकर उनका जबाब माँग रही थी।


       परन्तु उसकी दादी चुपचाप सुनकर केवल अपनी किस्मत पर आँसू बहा रही थी। वह अपनी पोती को क्या जबाब दे ? वह उसे क्या समझाये? क्या यह कहकर उसको मीठी गोली देने की कोशिश करे कि अब मेरा तीरथ इसी बृद्धाश्रम में है। अथवा यह कहे कि तेरे मम्मी पापा ने मुझे हमेशा के लिए यही शिफ्ट कर दिया है अब यदि तुझे मुझसे मिलना है तो यहीं आना होगा। अब मुझे यही रहना है।

           अनन्या अपनी दादी को चुप देखकर बोली " दादी मै आपसे कुछ पूछ रही हूँ और आप हो जो मेरे प्रश्नौ का कोई उत्तर ही नही देरही हो।"

                    दादी अपने आँसुऔ पर काबू करती हुई बोली," बेटी अब यही मेरा घर है। तेरे दादाजी के जाने के बाद अब मुझे यहीं रहना होगा। "

              परन्तु दादी ऐसा क्यौ है यहाँ तुम्हारी तबियत और अधिक खराब होजायेगी। तुम्है अंकुर भैया व मुझे देखे बिना नींद नही आती थी। अब आप यहाँ किसको देखकर सोती हो किसको परियौ की कहानी सुनाती हो ?" इतना कहकर अनन्या अपनी दादी से लिपट कर रोने लगी।

        अनन्या व उसकी दादी का भरत मिलाप वहाँ खडे उसके स्कूल के बच्चे वह साथ में आई सभी मैडम भी अपने आँसू नही रोक सकी।

      अनन्या  अपनी मैडम से बोली," मैम मैं अपनी दादी को अपने साथ लेजाना चाहती हूँ मुझे इसके लिए क्या करना होगा ,?"

     उसी समय वहाँ का एक कर्मचारी आगया और बोला,"बेटा हम इस तरह  किसी के साथ किसीको भी नही भेज सकते है। तुम्हारे मम्मी पापा को एक फार्म भरकर देना होगा और एक ऐफीडेविट भी देना होगा कि भविष्य में इनको कोई परेशान नही करेगा।  तब हमारे प्रधान व सभी सदस्य एक मीटिंग बुलायेगे तब फैसला लिया जायेगा। "

      अनन्या अपनी दादी के आँसू पौछते हुए बोली," दादी में जल्दी ही आपको लेने आऊँगी। आप चिन्ता मत करना।"   इतना कहकर वह अपने स्कूल बापिस चली गयी।

        अनन्या सातवी क्लास में पढ़ती थी उसके स्कूल का टूर शहर के  महत्वपूर्ण स्थानौ को दिखाने लेकर गया था । आखिर मे उनको बृद्धाश्रम दिखाने लाया गया था क्यौकि उनकी किताब मे बृद्धाश्रम का वर्णन आया था। तब उनकी टीचर ने उनको बृद्धाश्रम दिखाने का बायदा जो किया था।

       अनन्या ने वहाँ अपनी दादी को देखा तब उसे बहूत आश्चर्य हुआ था क्यौकि उसको तो बताया गया था कि दादी तीर्थ यात्रा पर गयी है।

       अनन्या जब घर पहँची तब उसका मूड बहुत खराब था।  वह जाते ही अपनी मम्मी से पूछने लगी," मम्मी हमारी दादी कहाँ गयी है और वह कब आयेगी ?"

      उसी समय उसके पापा भी आगये।

      उसकी मम्मी बोली," तुझे क्या करना है ? वह तीर्थ यात्रा पर गयी है अभी उनको बापिस आने में समय लगेगा। तुम अपना मन पढा़ई में लगाओ। "

    अनन्या बोली," मम्मी आप हमसे कहती हो झूंठ बोलना पाप है और आप कितना बडा़ झूँठ बोलरही हो । पापा आप ही बताओ दादी कहाँ है ?"

   उसके पापा बोले," तेरी मम्मी ने बताया तो था वह  तीर्थयात्रा पर गयी है।"

    मम्मी पापा आप दोंनौ बहुत बडे़ झूठे हो दादी को मैने आज बृद्धाश्रम मे देखा था। पापा आपको भी उनकी चिन्ता नहीं है आखिर वह आपकी तो मम्मी है। क्या मै अपनी मम्मी को बृद्धाश्रम मे छोड़ सकती हूँ? "

       अनन्या के इतना कहते ही उसके पापा ने उसको एक थप्पड़ मारते हुए कहा," क्या बडौ़ से इस तरह बात की जाती है।  मम्मी के लिए ऐसे बोलते है। मम्मी से माँफी माँगो। "

      " नहीं पापा मै तब तक माँफी नहीं माँगूगी जब तक आप उनको घर बापिस लेकर नही आते हो। आपको सोचना चाहिए वहाँ उनका ध्यान कौन करता होगा उनको दबाई कौन देता होगा। आप उनको अनजान लोगौ के साथ छोड़ आये हो। 

     अब उसकी मम्मी की समझ में  आरहा था कि आज हम जो अपने बुजर्गौ के साथ कर रहे है कल ऐसा ही ही हमारे साथ होगा। उसने अपने पति से बात की और वह दादी को बापिस लेआये।

         इस तरह अपनी पौती के कारण अपने घर बापिस आगयी।और फिरसे अपनौ के बीच खुशी से रहने लगी।

                       इति

नान स्टाप राइटिंग चेलैन्ज २०२२

नरेश शर्मा " पचौरी "

        

   15
5 Comments

Saba Rahman

06-Jul-2022 08:54 PM

Nice

Reply

Seema Priyadarshini sahay

06-Jul-2022 09:59 AM

बहुत खूबसूरत

Reply

Renu

05-Jul-2022 05:51 PM

👍👍

Reply